(“जहाँ संकल्प होता है, वहाँ संघर्ष भी हार मान लेता है।”)
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के छोटे से गांव छीमी पुरइन से निकलकर न्याय के मंच तक पहुँचना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। यह कहानी है एडवोकेट रीना चौरसिया की — एक ऐसी महिला की, जिन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों, सामाजिक चुनौतियों और सीमित संसाधनों के बीच भी अपने सपनों को जीवित रखा और उन्हें साकार किया।
संघर्ष, शिक्षा और संकल्प: रीना चौरसिया का बचपन साधारण रहा, जहाँ परिस्थितियों के कारण उनकी पढ़ाई अधूरी रह गई। वर्ष 2013 में विवाह के बाद उनके जीवन ने नया मोड़ लिया। पति रवि रविशंकर चौरसिया के सहयोग और विश्वास ने उन्हें फिर से शिक्षा की राह पर लौटने का साहस दिया।
इस दौरान उन्होंने 2017 में पुत्री कुहू और 2020 में पुत्र विराट को जन्म दिया। मातृत्व की जिम्मेदारियों और सामाजिक अपेक्षाओं के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। इस संघर्षपूर्ण यात्रा में उनकी छोटी बहन पिंकी का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा। अंततः, दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन के बल पर उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की और एडवोकेट रीना चौरसिया के रूप में अपनी पहचान स्थापित की।
कानून से सेवा तक: आज रीना चौरसिया केवल अदालतों में पैरवी करने वाली अधिवक्ता नहीं हैं, बल्कि समाज के वंचित वर्गों की सशक्त आवाज़ भी बन चुकी हैं।
* आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निःशुल्क कानूनी सलाह
* जरूरतमंद बच्चों को कपड़े, भोजन और सहयोग
* महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना
उनका मानना है कि कानून तभी सार्थक है, जब वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।

सम्मान और उपलब्धियाँ: समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एडवोकेट रीना चौरसिया को कई प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं:
* अंतरराष्ट्रीय नारी सशक्तिकरण पुरस्कार
* Inspiring Women of India Award
* रानी लक्ष्मीबाई सम्मान
* अन्य राष्ट्रीय व सामाजिक सम्मान
भविष्य की दिशा: एक व्यापक दृष्टि: रीना चौरसिया का दृष्टिकोण व्यक्तिगत सफलता से कहीं आगे है। उनका विश्वास है —
“यदि पुरुष शिक्षित होता है तो एक व्यक्ति आगे बढ़ता है, लेकिन जब महिला शिक्षित होती है तो पूरा समाज आगे बढ़ता है।”
उनकी भावी योजनाओं में शामिल हैं:
* Education for All: गरीब बच्चों के लिए स्कूल और शैक्षणिक फाउंडेशन की स्थापना
* Women Empowerment: ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में Legal Aid Camps और जागरूकता कार्यक्रम
* Business with Purpose: रोजगार सृजन के उद्देश्य से सामाजिक उद्यमिता की ओर कदम
* Social Transformation: गाँव और शहर के बीच समानता और न्याय का सेतु बनना
एक नाम नहीं, एक विचार: एडवोकेट रीना चौरसिया आज केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि प्रेरणा का प्रतीक हैं। उनकी यात्रा यह संदेश देती है कि इच्छाशक्ति, शिक्षा और सेवा का संगम समाज में वास्तविक परिवर्तन ला सकता है।
गाँव की संकरी गलियों से निकलकर आज वे न्याय, सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना की ओर बढ़ती एक मजबूत आवाज़ बन चुकी हैं — और आने वाले समय में उनका नाम समाज परिवर्तन की मिसाल के रूप में लिया जाएगा।
